काशी खंड में वर्णित एक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु काशी में 18 रूपों में मौजूद हैं, अत्युग्र नरसिंह उनमें से एक हैं। कमलेश्वर शिव के पश्चिम भाग में भगवान विष्णु अत्युग्र नरसिंह के रूप में स्थापित हैं। अत्युग्र दो शब्द “अति” एवं “उग्र” को मिलकर बना है जो भगवान की अपार शक्ति को परिभाषित करता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान अत्युग्र नरसिंह का पूजन करने पर बड़ी उग्र पापराशि को भी दूर किया जा सकता है।
मंदिर पूजा के लिए प्रातः 06.00 से 10.00 बजे तक तथा सायं 10.00 से 04.00 बजे तक खुलता है। भक्तजन यहाँ खुद पूजा कर सकते हैं।
अत्युग्र नरसिंह Ck.8/21, गोमठ पर स्थित है। मंदिर दर्शन/यात्रा हेतु स्थानीय परिवहन उपलब्ध है।