काशी खण्ड में वर्णित कथा के अनुसार भगवान विष्णु काशी में अठारह स्वरूप में विराजमान हैं जिनमें से एक विदार नरसिंह स्वरूप है। विदार नरसिंह के रूप में भगवान विष्णु काशी के विघ्नों के विदारक माने जाते हैं। मान्यता अनुसार इसी नाम के तीर्थ के दर्शन मात्र से श्रद्धालु उपद्रवों को शान्त कर सकते हैं।
श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन-पूजन हेतु मंदिर प्रातः 4:30 से दोपहर 12:00 बजे तथा सायं 4:00 से रात्रि 9:00 बजे तक खुला रहता है। मंदिर में वैशाख शुक्ल त्रयोदशी पर नरसिंह जयंती अत्यंत उत्साहपूर्वक मनाई जाती है।
विदार नरसिंह ए-10/82, प्रह्लाद घाट पर स्थित है। दर्शन-पूजन हेतु मंदिर तक अत्यंत सुगमता से स्थानीय परिवहन द्वारा पहुँचा जा सकता है। वैकल्पिक रूप से मंदिर तक नौका यात्रा करके भी पहुँचा जा सकता है।