काशी खंड के अध्याय ६१ में वर्णित कथा के अनुसार, भगवान विष्णु 18 रूपों में काशी में मौजूद हैं, गोपी गोविंद उनमें से एक हैं। गोपी गोविंद तीर्थ में भगवान विष्णु गोपी गोविंद के रूप में मौजूद हैं। मान्यताओं के अनुसार, गोपी गोविंद की आराधना करने वालों को हमेशा भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वे किसी भी माया से परे होते हैं।
माघ माह (जनवरी-फरवरी) में भारी मात्रा में श्रद्धालु गंगा स्नान करने के उपरांत प्रभु की आराधना करते हैं।
यह मंदिर पूजा के लिए प्रातः 07.00 से रात्री 10.00 बजे तक खुला रहता है। यहाँ प्रातः काल में आरती होती है।
गोपी गोविंद K.4/24, बिरला संस्कृत विद्यालय के समीप लाल घाट, बिरला हाउस पर स्थित है। मंदिर दर्शन/यात्रा हेतु स्थानीय परिवहन उपलब्ध है।