वाराणसी में प्रहलाद घाट स्थित है जिसका नाम भगवान विष्णु के एक निष्ठवान भक्त प्रहलाद के नाम पर रखा गया है, जिसकी रक्षा भगवान विष्णु ने उसके क्रूर पिता हिरण्यकश्यप से की थी।
कशी खंड के ६१वें अध्याय में वर्णित कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने ऋषि बिन्दु से यह कहा था कि वह प्रहलाद तीर्थ पर प्रहलाद केशव के रूप में विराजमान रहेंगे। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त प्रहलाद तीर्थ में स्नान के उपरांत प्रहलाद केशव की आराधना करते हैं उनकी भगवान विष्णु द्वारा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। असामान्य भक्ति की समृद्धि के लिए श्रद्धालुओं को प्रह्लाद केशव का पूजन करना चाहिए।
यहाँ वैशाख माह की शुक्लपक्ष एकादशी में पाँच दिवसीय नरसिंह मेला आयोजित होता है। यह मेला पूर्ण उत्साह से आयोजित होता है जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं।
यह मंदिर पूजा के लिए प्रातः 06.00 से 11.00 तथा सायं 06.00 से 07.00 बजे तक खुला रहता है। यहाँ आरती प्रातः काल में होती है।
प्रहलाद केशव A-10/80, प्रहलाद घाट में प्रहलादेश्वर मंदिर के अंदर गंगा नदी की ओर दाहिनी दीवार पर स्थित है। मंदिर दर्शन/यात्रा हेतु स्थानीय परिवहन उपलब्ध है।