वाराणसी पर्यटन परिक्षेत्र में प्रतिदिन सूर्यास्त के बाद दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि द्वारा गंगा आरती करायी जाती है | आरती का आरंभ गंगा पूजन से होता है | परंपरागत वस्त्र पहने हुए 7 पुजारियों द्वारा विभिन्न मंत्रोच्चार व भजन के माध्यम से माँ गंगा की आराधना की जाती है | गंगा आरती का अत्यन्त मनमोहक दृश्य तब दिखायी पड़ता है जब पुजारियों द्वारा दीप, धूप, कपूर, मोरपंख, अगरबत्ती आदि पूजन सामग्रियों को तालबद्ध प्रकार से तरीके से अर्पण किया जाता है जिससे सम्पूर्ण घाट का वातावर्ण सुगंधित व आद्यात्मिक हो जाता है | आरती का समापन माँ गंगा को जल आचमन कर किया जाता है, जिसके बाद सभी दर्शकों द्वारा गंगा में जलता हुआ दीपक भी प्रवाहित किया जाता है, जिसे देखकर ऐसा लगता है मानो माँ गंगा का आँचल तारों की रोशनी से जगमगा रहा है |