भक्तों को ऐसी सलाह दी जाती है कि प्रयाग तीर्थ में स्नान के उपरांत प्रयाग माधव की आराधना करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि प्रयाग तीर्थ दशाश्वमेध के उत्तर की ओर स्थित था। ऐसा माना जाता है कि प्रयाग माधव की आराधना करने से उन्हें सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है। यहाँ तक की पुराणों में भी प्रयाग तीर्थ में स्नान करने के महत्व का वर्णन है। हालांकि वर्तमान काल में प्रयाग तीर्थ दशाश्वमेध घाट का एक भाग है।
प्रयाग माधव दशाश्वमेध घाट में राम मंदिर के परिसर में D.17/111 पर स्थित है। मंदिर दर्शन/यात्रा हेतु स्थानीय परिवहन उपलब्ध है।
यह मंदिर पूजा के लिए प्रातः 05.00 से दोपहर 12.00 बजे तक तथा सायं 04.00 से रात्री 09.30 बजे तक खुला रहता है। यहाँ पर प्रातः एवं सायंकाल में आरती होती है।