काशी खंड में वर्णित एक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु काशी में 18 रूपों में मौजूद हैं, प्रचंड नरसिंह उनमें से एक हैं। प्रचंड नरसिंह का मंदिर जगन्नाथ मंदिर परिसर में स्थित है। प्रचंड नरसिंह भगवान विष्णु के अवतार हैं, जिनका आधा शरीर सिंह का है और शेष मानव का है। भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर धार्मिक उत्पीड़न को समाप्त करने और आपदा का विनाश कर धर्म को पुनः स्थापित करने के लिए यह अवतार लिया था। नरसिंह को ‘अभिभावक या रक्षक’ के रूप में जाना जाता है, जो अपने भक्तों के सभी पापों का अंत करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान नरसिंह ने अपने भक्त प्रहलाद के क्रूर पिता हिरण्यकश्यप का वध कर उसकी रक्षा की थी। ऐसी मान्यता है की जो व्यक्ति प्रचंड नरसिंह की पूजा करते हैं, उन्हें उनके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
मंदिर पूजा के लिए प्रातः 06.00 से दोपहर 12.00 बजे तक तथा सायं 03.00 से रात्री 09.00 बजे तक खुलता है। यहाँ आरती प्रातः एवं सायंकाल में होती हैं।
प्रचण्ड नरसिंह B.1/151, जगन्नाथ मंदिर, अस्सी घाट पर स्थित है। मंदिर दर्शन/यात्रा हेतु स्थानीय परिवहन उपलब्ध है।