This page uses Javascript. Your browser either doesn't support Javascript or you have it turned off. To see this page as it is meant to appear please use a Javascript enabled browser.
वीआर हेड्सेट के माध्यम से वर्चुयल टूर का अवलोकन करने हेतु अपने स्मार्टफोन में गूगल कार्डबोर्ड ऐप इनस्टॉल करें।

यमादित्य मंदिर

मुख्य पृष्ठ  »  यमादित्य मंदिर


काशी खण्ड में वर्णित कथा के अनुसार पूर्वकाल में यमघात पर यमराज ने ‘यमेश्वर’ शिवलिंग तथा ‘यमादित्य’ नामक सूर्यदेव की प्रतिमा स्थापित कर आराधना की थी। मान्यता अनुसार यमतीर्थ में स्नान करने के उपरांत यमादित्य के दर्शन-पूजन से श्रद्धालुओं को यम के दर्शन नहीं होते तथा श्रद्धालु अशेष पापों से निर्मुक्त हो जाते हैं। साथ ही यमतीर्थ में मंगलवार और भरणी नक्षत्रयुक्त चतुर्दशी तिथि पर पिण्डदान करके मनुष्य पितरों के ऋण से मुक्त हो सकते हैं।

पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय :-

श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन हेतु मंदिर दिन भर खुला रहता है।

मंदिर की स्थिति

वाराणसी में यमादित्य सीके-7/135, संकटा घाट की ओर जाने वाली सीढ़ीयों पर स्थित है। श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन/यात्रा हेतु स्थानीय परिवहन अत्यंत सुलभ है।

अंतिम नवीनीकृत तिथि June 29, 2019 at 7:07 am