विशालाक्षी गौरी की आराधना वासंतिक नवरात्रि के पाँचवें दिन की जाती है। देवी विशालाक्षी का मंदिर मीर घाट के धर्मकूप क्षेत्र के विशाल तीर्थ नामक स्थान पर स्थित हैं।
ऐसी मान्यता है कि जो श्रद्धालु विशालतीर्थ में स्नान कर विशालाक्षी देवी कि आराधना करता है उसे उभयलोक में मंगल देने वाली विशाल लक्ष्मी का लाभ होता है एवं उनकी इच्छित मनोकामनाओं कि पूर्ति होती हैं। ऐसी मान्यता है कि माता निःसंतान स्त्रियॉं को संतान प्रदान करती हैं एवं धन, संपत्ति, आरोग्य युक्त जीवन आदि प्रदान करती है।
विशालाक्षी मंदिर कजली तीज पर्व के लिए जाना जाता है । यह पर्व भाद्रपद (अगस्त) के दूसरे सप्ताह के तीसरे दिन मनाया जाता है। यहाँ पर किसी भी प्रकार का पूजन, उपासना, दान व मंत्रोच्चार बहुत ही अधिक फलदायी होता है।
यह मंदिर पूजा के लिये प्रातः 04:30 बजे से दिन के 11:00 बजे तक तथा सायं काल 5:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक खुला रहता समय सीमा सुविधा अनुसार बदली जा सकती है। प्रातः और सायं काल मंदिर में आरती का आयोजन होता हैं।
यह मंदिर D.3/85 मीर घाट पर स्थित है।