नव गौरी के विभिन्न स्वरूपों की उपासना वासंतिक नवरात्रि में की जाती है। वासंतिक नवरात्रि का प्रथम दिन काशी में मुखनिर्मालिका गौरी को समर्पित है। उनका मंदिर गाय घाट पर स्थित हनुमान मंदिर मैं है। यह माना जाता है कि जब महादेव काशी में निवास के लिए आए तो देवी गौरी भी उनके साथ वाराणसी के लोगों को सौभाग्य एवं समृद्धि का वरदान देने आयीं तब से माता मुखनिर्मालिका गौरी के मंदिर दर्शन की मान्यता है।
पूजन हेतु यह मंदिर प्रातः 6 बजे से 10 बजे तक एवं सायं 6 बजे से 8 बजे तक खुला रहता है। प्रातः व सायं काल को आरती का आयोजन होता है।
मुखनिर्मालिका गौरी मंदिर K.3/42, गाय घाट हनुमानजी मंदिर में स्थित है।