वासंतिक नवरात्रि में नव गौरी पूजन हेतु, दूसरा दिन ज्येष्ठा गौरी को समर्पित रहता है। इस दिन, बड़ी संख्या में श्रद्धालु ज्येष्ठा देवी का पूजन करने के लिए काशी आते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त काशी आते हैं और देवी ज्येष्ठा गौरी के दर्शन करते हैं, वे अपने जीवन में ज्येष्ठेत्व पद प्राप्त करते हैं।
पूजन हेतु यह मंदिर प्रातः 6 से 10 बजे तक व सायं 6 बजे से 8 बजे तक खुला रहता है। समय सीमा सुविधा अनुसार बदली जा सकती है। वैसे यह मंदिर पूजन हेतु पूरे दिन खुला रहता है । प्रातः और सायं काल आरती की जाती हैं।
इस मंदिर के निकट रहने वाली स्त्रियाँ एक साथ एकत्र हो कर धार्मिक गीत व भजन गाती हैं जिससे यहाँ का वातावरण आध्यात्मिक हो जाता है।
ज्येष्ठा गौरी मंदिर नक्खास, भूत भैरव वाराणसी में स्थित है। मंदिर की यात्रा हेतु स्थानीय वाहन उपलब्ध है।