वासंतिक नवरात्रि के तीसरे दिन (तृतीया) को नव गौरी के तृतीय रूप माता सौभाग्य गौरी का पूजन किया जाता है। धर्मग्रंथों में देवी गौरी के इस रूप की उपासना करने का विशेष उल्लेख मिलता है। ऐसी मान्यता है कि देवी की उपासना से सौभाग्य प्राप्त होता है।
पूजन हेतु यह मंदिर प्रातः 6 बजे से 11 बजे तक व साँय 6 बजे से 10 बजे तक खुला रहता है। समय सीमा सुविधा अनुसार बदली जा सकती है।
सौभाग्य गौरी आदि विश्वेश्वर मंदिर परिसर मंदिर में स्थित है।