पुराणों के अनुसार, माँ अन्नपूर्णा प्राचीन विश्वनाथ मंदिर में महागौरी के नाम से जानी जाती हैं। वे माँ दुर्गा का आठवां स्वरूप हैं।
ऐसा माना जाता है कि देवी महागौरी की पूजा करने से श्रद्धालु को अपने पापों से छुटकारा मिलता है और वे दिव्य उपलब्धियों को प्राप्त कर सकते हैं। मान्यताओं के अनुसार, देवी महागौरी की पूजा करने से भक्तों को दुनिया के सभी देवी-देवताओं की पूजा करने का लाभ मिल सकता है।
प्रत्येक वर्ष धनतेरस से अर्थात त्रयोदशी दीपावली अमावस्या पूर्व से अमावस्या के एक दिन बाद तक (कुल चार दिन), दक्षिण भारतीय श्रद्धालु स्वर्णिम अन्नपूर्णा को दीपावली दर्शन, गंगा स्नान एवं विश्वनाथ दर्शन के साथ करते हैं।
देवी महागौरी की पूजा नौ दुर्गा यात्रा के दौरान शारदीय नवरात्र (सितम्बर-अक्टूबर) के 8वें दिवस की जाती है।
यह मंदिर प्रातः 5:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक खुलता है। आरती प्रातः और साँय काल होती हैं। इस मंदिर प्रांगण में प्रतिदिन दोपहर के बाद आनंदनम भी होता है जिसमें श्रद्धालुओं को निःशुल्क भोजन दिया जाता है।
देवी महागौरी D-9/1, अन्नपूर्णा मंदिर में स्थित हैं। इस मंदिर को आने वाली संकरी गली विश्वनाथ गली कहलाती है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्थानीय परिवहन उपलब्ध है।