काशी खंड में वर्णित कथानुसार, भगवान गणेश का वक्रतुंड विनायक रूप अष्ट प्रधान विनायक यात्रा में सम्मिलित है। वक्रतुंड विनायक को बड़ा गणेश के रूप में भी जाना जाता है। मंदिर में, गर्भगृह में भगवान गणेश की एक विशाल प्रतिमा स्थापित है। माना जाता है कि वक्रतुंड विनायक के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी रुके हुए काम पूरे हो जाते हैं और उन्हें सफलता मिल सकती है। मान्यताओं के अनुसार, वक्रतुंड विनायक अपने भक्तों के सभी पापों को मिटा देते हैं और उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं।
भाद्रपद के महीने में भगवान गणेश का जन्मोत्सव मंदिर में उल्लास और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इसके अलावा माघ माह की चतुर्थी पर भगवान वक्रतुंड विनायक की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त भगवान वक्रतुंड विनायक की पूजा करने के लिए मंदिर आते हैं।
यह मंदिर पूजा के लिए प्रातः 04:45 से रात्रि 10:30 बजे तक खुला रहता है। यहाँ प्रातः 04:45 बजे मंगला आरती, 10:30 बजे भोग तथा रात्रि 10:30 बजे शयन आरती होती है। यहाँ बुधवार के दिन रात्रि 11:30 बजे विशेष आरती होती है।
वक्रतुण्ड विनायक K-58/101, लोहटिया बड़ा गणेशजी पर स्थित है। यात्रा/दर्शन हेतु स्थानीय परिवहन उपलब्ध हैं।