ऐसा कहा जाता है कि वास्तविक अविमुक्त विनायक की प्रतिमा अब यहाँ से गायब हो गई है। अब दो स्थानों पर अविमुक्त विनायक की प्रतिमा स्थापित हैं। एक प्रतिमा ज्ञानवापी मस्जिद पर दीवार पर स्थित है व दूसरी विश्वेश्वर (विश्वनाथ) मंदिर के परिसर में गौरी व विष्णु के बगल में स्थित है। पुराणों के अनुसार अविमुक्त विनायक अपने श्रद्धालुओं को जो अविमुक्त क्षेत्र में रहते हैं उनके जीवन से हर परेशानी को दूर करते हैं।
भक्तजन ज्ञानवापी तक रिक्शे से आकर यहाँ तक पैदल चलकर पहुंच सकते हैं।
यह मंदिर पूजा के लिए दिन भर खुला रहती है। भक्तजन यहाँ भगवान के दर्शन कर सकते हैं परंतु ऐसी भी स्थिति हो सकती है जब यहाँ पूजा प्रक्रिया करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।