भगवान शिव के पुत्र गणेश सबसे प्रमुख देवों में से एक है एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं द्वारा समर्पित रूप से इनकी पूजा की जाती है। श्री सिद्धीविनायक की प्रतिमा को स्वयंभू माना जाता है, जो लगभग 3.5 फीट ऊंची एवं 3 फीट चौड़ी है एवं जिनकी सूंड बाईं ओर है नारंगी चमकती त्रिनेत्र आकृति लाल पोशाक से सुसज्जित है। सिद्धी विनायक मंदिर में विनायक की पूजा करने पर भक्तों को सिद्धी की प्राप्ति होती है। यह काशी के अष्ट विनायकों में से एक माने जाते हैं, जिन्हे पूजा जाता है।
यह मंदिर पूजा के लिए प्रातः 05:00 से दोपहर 12:00 बजे तक एवं शाम 06:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खुला रहता है।
सिद्ध विनायक Ck. 9/1, मणिकर्णिका कुंड में सीढ़ीयों पर स्थित है। मान्यता के अनुसार सिद्ध विनायक अपने भक्तों को सिद्धि प्रदान करते हैं। मंदिर दर्शन/यात्रा हेतु स्थानीय परिवहन सुलभ है।