ब्रह्मचारिणी देवी की उपासना शारदीय नवरात्र (सितंबर-अक्टूबर) में होने वाली नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है। ब्रह्मचारिणी से तात्पर्य है तप का आचरण करने वाली। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए देवी ने अनेक वर्षों तक कठिन तप किया था।
ऐसा माना जाता है कि ब्रह्मचारिणी के दर्शन से सिद्धि व विजय की प्राप्ति होती है।
यह मंदिर प्रातः 6 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक व साँय 4 बजे से रात्रि 11 बजे तक खुला रहता है। आरती का समय प्रातः 6 बजे (मंगल आरती), साँय 4 बजे (संध्या आरती) व रात्रि के 11 बजे (शयन आरती ) है।
ब्रहंचारिणी दुर्गा मंदिर काल भैरव मंदिर के पीछे सब्जी मंडी से दाहिनी तरफ गली में स्थित है | मंदिर तक पहुँचने के लिए स्थानीय वाहन उपलब्ध हैं