मित्र विनायक का मंदिर सिंधिया घाट पर स्थित है। ऐसी मान्यता है कि मित्र विनायक अपने भक्तों को सफलता एवं समृद्धि प्रदान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहाँ देवता स्वयंभू हैं तथा इसे छप्पन विनायकों में से मुख्य विनायक में गिना जाता है। यहाँ विनायक की प्रतिमा चमकदार नारंगी रंग की है तथा त्रिनेत्र है। भगवान शिव के पुत्र होने के कारण ऐसी मान्यता है कि इनकी तीसरी आँख में भक्तों के जीवन से सभी विघ्नों को नष्ट करने की क्षमता है। मित्र विनायक मानवता के शुभचिंतक माने जाते हैं तभी इन्हें यह नाम मिला है।
मंदिर पूजा के लिए प्रातः 05.00 से 11.30 बजे तक तथा दोपहर 12.30 से रात्रि 9.30 बजे तक खुला रहता है। सायंकाल में यहाँ 07.00 से 8.30 बजे विशेष आरती होती है। यहाँ विशेष पूजा के लिए पुजारी से पहले से परामर्श करने के लिए सलाह दी जाती है।
मित्र विनायक वाराणसी में आत्मा वीरेश्वर मंदिर के परिसर में Ck-7/158, सिंधिया घाट पर स्थित हैं। मंदिर दर्शन/यात्रा हेतु स्थानीय परिवहन सुलभ है।