काशी खंड में वर्णन कथा के अनुसार, कपर्दि विनायक एकादश विनायक यात्रा का भाग है। ऐसी मान्यता है कि भक्तजन जो यहाँ कपर्दीश्वर लिंग तथा विनायक की पूजा करते हैं उन्हें अपनी भावनाओं एवं क्रोध पर पूर्ण रूप से नियंत्रण प्राप्त हो जाता है। साथ ही उनके सारे पाप धुल जाते हैं।
यह मंदिर पूजा के लिए दिन भर खुला रहता है। विशेष पूजा के लिए पुजारी से पहले ही परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
कपर्दीश्वर मंदिर C-21/40, पिशाच मोचन कुंड पर स्थित है जो वाराणसी का एक प्रसिद्ध स्थान है। ज्यादातर भक्त पिंड दान (श्राद्ध) के लिए पिशाच मोचन कुंड आते हैं। माघ माह ( जनवरी 21 से फरवरी 20) तथा शुक्ल चतुर्दशी (अमावस्या के एक दिन पूर्व) में यहाँ दर्शन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मंदिर दर्शन/यात्रा के लिए स्थानीय परिवहन सुलभ है।