काशी खंड के अध्याय ६१ में वर्णित कथा के अनुसार, हरिश्चंद्र विनायक संकटा घाट पर संकटा देवी मंदिर के पास मौजूद हरिशचन्द्र महादेव के समीप स्थित है। इस मंदिर के साथ जो विशेष महत्व जुड़ा हुआ है वह यह है कि हरिश्चंद्र विनायक की आराधना करने वाले भक्तों को सत्य के मार्ग पर चलने की शक्ति वरदान स्वरूप प्राप्त होती है। जो मनुष्य भक्तिपूर्वक मोदक आदि चढ़ाकर हरिश्चंद्र तीर्थ में अपने पितरों का तर्पण करता है, वह सौ वर्षों के लिए तृप्त होकर वांछित फल प्राप्त करता है।
यह मंदिर एक निजी घर के अंदर स्थित है इसलिए भक्तजन प्रातः 05:00 से दोपहर 12:00 बजे तथा सायं 4:00 से रात्रि 10:00 बजे तक दर्शन कर सकते हैं।
यह मंदिर संकटा घाट से ऊपर जाकर फ्लैट संख्या CK 7/165 पर स्थित है। मंदिर दर्शन/यात्रा हेतु स्थानीय परिवहन उपलब्ध है।