दुर्ग विनायक मंदिर : : पावन पथ की आधिकारिक वेबसाइट
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दुर्ग विनायक मंदिर

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काशी खण्ड में वर्णित एक पौराणिक कथानुसार, दुर्ग विनायक मंदिर काशी में स्थित विनायक मंदिरों में से एक है। भगवान गणेश का यह रूप दुर्गा कुंड के दक्षिणी भाग में स्थित है। मान्यताओं के अनुसार, श्रद्धालु दुर्ग विनायक के दर्शन-पूजन से किसी भी संकट से मुक्ति पा सकते हैं,साथ ही मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि भी होती है।

जनवरी माह में पड़ने वाला गणेश चतुर्थी का पर्व यहाँ उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दौरान दुर्ग विनायक का भव्य शृंगार किया जाता है। साथ ही इस भव्य पर्व में शामिल होने के लिए यहाँ भारी मात्रा में तीर्थ यात्रियों का आगमन होता है। इसके साथ-साथ प्रत्येक माह की चतुर्थी पर भी यहाँ भक्तों की कतार लगी रहती है। ऐसी मान्यता है कि किसी भी नौकरी / परियोजना के दौरान या उससे पहले दुर्ग विनायक की पूजा करने से वे उस उद्यम में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय :-

यह मंदिर पूजा के लिए प्रातः 04.00 से दोपहर 12.00 बजे तथा सायं 04.00 से रात्रि 10.00 बजे तक खुला रहता है| यहाँ प्रतिदिन प्रातः 05:00 बजे मंगला आरती होती है, दोपहर 12:00 बजे भोग आरती, सायं 07:00 बजे संध्या आरती तथा रात्रि 10:00 बजे शयन आरती होती है।

मन्दिर का स्थान

दुर्ग विनायक 27/1, दुर्गा कुंड के पीछे स्थित है| दुर्ग विनायक एक अकेला मंदिर है जिसके दो प्रवेश द्वार हैं तथा यहाँ प्रति दिन दर्शन के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु आते है। मंदिर दर्शन/यात्रा के लिए स्थानीय परिवहन अत्यंत सुलभ हैं।

Last updated on December 17, 2020 at 6:48 am