30 नवंबर 2020 सोमवार
देव दीपावली प्रत्येक वर्ष उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मनाया जाता है।
07 दिसंबर 2020 सोमवार
भैरव अष्टमी, भगवान भैरव का जन्मोत्सव है जिसे अत्यंत उत्साह के साथ श्री काल भैरव मंदिर में मनाया जाता है।
07 दिसंबर 2020 सोमवार
भैरव अष्टमी, भगवान भैरव का जन्मोत्सव है जिसे अत्यंत उत्साह के साथ श्री बटुक भैरव मंदिर में मनाया जाता है।
28 जनवरी 2021गुरूवार
पौष मास (दिसंबर – जनवरी) की पूर्णिमा के दिन, विष्णु अवतार नर-नारायण के सम्मान में एक विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है।
31 जनवरी 2021 रविवार
जनवरी माह में पड़ने वाला गणेश चतुर्थी का पर्व यहाँ उल्लासपूर्वक से मनाया जाता है।
04 फरवरी 2021 गुरूवार
मंदिर का दूसरा प्रमुख आयोजन माघ मास की चतुर्थी को होता है।
15 फरवरी 2021सोमवार
माघ माह (फरवरी-मार्च) को वह रविवार जो नवमी पर पड़ता है उसका यहाँ महत्व माना जाता है।
13 अप्रैल 2021 मंगलवार
वासंतिक नवरात्रि का प्रथम दिन काशी में मुखनिर्मालिका गौरी को समर्पित है।
15 अप्रैल 2021 बुधवार
वासंतिक नवरात्रि का द्वितीय दिन काशी में ज्येष्ठा गौरी को समर्पित है।
16 अप्रैल 2021 गुरूवार
वासंतिक नवरात्रि का तृतीय दिन काशी में सौभाग्य गौरी को समर्पित है।
17 अप्रैल 2021 शुक्रवार
वासंतिक नवरात्रि के चौथे दिन (चतुर्थी) को श्रद्धालु शृंगार गौरी की आराधना करते हैं।
18 अप्रैल 2021 शनिवार
माँ दुर्गा का पांचवा स्वरूप स्कन्द माता की आराधना सितंबर-अक्टूबर में होने वाली नवरात्रि के पांचवें दिन होती है
19 अप्रैल 2021 रविवार
विशालाक्षी गौरी की आराधना वासंतिक नवरात्रि के पाँचवें दिन की जाती है। देवी विशालाक्षी के रूप देवी गौरी गंगा नदी के विशाल तीर्थ में मौजूद हैं।
20 अप्रैल 2021 सोमवार
वासंतिक नवरात्रि का छठा दिवस ललिता गौरी को समर्पित है। ललिता गौरी मंदिर पवित्र नगरी वाराणसी के ऐतिहासिक मंदिरों में से एक माना जाता है।
21 अप्रैल 2021मंगलवार
वासंतिक नवरात्रि का सातवाँ दिवस (सप्तमी) देवी भवानी गौरी की पूजा के लिए समर्पित है।
22 अप्रैल 2021 बुधवार
वासंतिक नवरात्रि के आठवें दिन मंगला गौरी की आराधना की जाती है जो माँ गौरी का आठवां स्वरूप है।
23 अप्रैल 2021 गुरूवार
वासंतिक नवरात्रि के नवें दिन महालक्ष्मी गौरी अर्थात भगवती गौरी के नवे स्वरूप की आराधना की जाती है।
18 मई 2019 मंगलवार
करोड़ों लोग गंगा में पवित्र स्नान करते हैं और गंगा सप्तमी के अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं
25 मई 2021मंगलवार
मंदिर में वैशाख शुक्ल त्रयोदशी पर नरसिंह जयंती अत्याधिक उत्साह से मनाई जाती है।
26 मई 2021बुधवार
वैशाख माह की शुरुआत में ओंकारेश्वर में वार्षिक शृंगार किया जाता है।
16 जून 2021बुधवार
भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष षष्ठी (अमावस्या के छः दिन बाद) अर्थात लोलार्क छट के दिन लोलार्क कुंड में स्नान कर लोलार्कादित्य का पूजन किया जाता है।
12 जुलाई 2021 सोमवार
वाराणसी में मनाई जाने वाली रथ यात्रा, पुरी में मनाई जाने वाली रथ यात्रा का लघु रूप है।
24 जुलाई 2021 शनिवार
गुरु पुर्णिमा के दिन मंदिर की भव्य रूप में सजावट कर अत्यंत हर्षोल्लास से अर्क विनायक की आराधना की जाती है।
25 जुलाई 2021 – 15th अगस्त 2021 रविवार
श्रवण माह (23 जुलाई से 20 अगस्त) के दौरान सोमवार को पूजा करने का अलग ही महत्व माना जाता है जिसमें से श्रवण माह के आखिरी सोमवार को पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
25 जुलाई 2021 – 15th अगस्त 2021 रविवार
श्रावण मेला इस शिव मंदिर में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण त्यौहार है।
26 जुलाई 2021 सोमवार
सावन पर्व के दौरान भगवान शिव के जलाभिषेक का विशेष महत्व है।
10 सितंबर 2021 शुक्रवार
गणेश चतुर्थी के पर्व के दौरान चिंतामणि गणेश की प्रतिमा का भव्य रूप से श्रृंगार किया जाता है।
7 अक्टूबर 2021 गुरूवार
शैलपुत्री की आराधना शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन की जाती है।
8 अक्टूबर 2021 शुक्रवार
ब्रह्मचारिणी देवी की उपासना शारदीय नवरात्र (सितंबर-अक्टूबर) में होने वाली नवरात्रि के दूसरे दिन की जाती है।
9 अक्टूबर 2021 शनिवार
श्रद्धालु माँ चंद्रघंटा की पूजा विशेषकर शारदीय नवरात्र (सितंबर-अक्टूबर) के तृतीय दिन करते हैं।
10 अक्टूबर 2021 रविवार
कूष्माण्डा देवी की पूजा का महत्व शारदीय नवरात्रि के चौथे दिन होते हैं।
11 अक्टूबर 2021 सोमवार
माँ दुर्गा का पांचवा स्वरूप स्कन्द माता की आराधना सितंबर-अक्टूबर में होने वाली नवरात्रि के पांचवें दिन होती है।
12 अक्टूबर 2021 मंगलवार
सितंबर-अक्टूबर में होने वाली नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा होती है।
13 अक्टूबर 2021बुधवार
कालरात्रि देवी की पूजा का शारदीय नवरात्र (सितंबर-अक्टूबर) की सप्तमी में विशेष महत्व है।
14 अक्टूबर 2021 गुरूवार
देवी महागौरी की पूजा नौ दुर्गा यात्रा के दौरान शारदीय नवरात्र (सितम्बर-अक्टूबर) के 8वें दिवस की जाती है।
15 अक्टूबर 2021 शुक्रवार
श्रद्धालु सितंबर-अक्टूबर मास में होने वाली नवरात्रि के नवें दिन सिद्धेश्वरी देवी की पूजा करते हैं।
23 अक्टूबर 2021 शनिवार
कार्तिक मास के दौरान पंचगंगा घाट में पवित्र स्नान करने और बिंदू माधव की पूजा करने से मोक्ष प्राप्ति होती है।
23 अक्टूबर 2021 शनिवार
कार्तिक मास के दौरान पंचगंगा घाट में पवित्र स्नान करने और बिंदू विनायक की पूजा करने से मोक्ष प्राप्ति होती है।
14 नवंबर 2021 रविवार
कार्तिक माह की शुक्ल एकादशी जो प्रबोधिनी एकादशी नाम से जानी जाती है यहा पूजा करने का विशेष महत्व है।
18 नवंबर 2021 गुरूवार
देव दीपावली प्रत्येक वर्ष उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मनाया जाता है।
27 नवंबर 2021 शनिवार
भैरव अष्टमी भगवान भैरव का जन्मोत्सव है जिसे अत्यंत उत्साहपूर्व श्री काल भैरव मंदिर में मनाया जाता है।
27 नवंबर 2021 शनिवार
भैरव अष्टमी भगवान भैरव का जन्मोत्सव है जिसे अत्यंत उत्साहपूर्व श्री बटुक भैरव मंदिर में मनाया जाता है।
10 नवंबर 2021बुधवार
भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष षष्ठी (अमावस्या के छटे दिन) अर्थात लोलार्क छट के दिन लोलार्क कुंड में स्नान कर लोलार्कादित्य का पूजन किया जाता है।
28 जनवरी 2021गुरूवार
पौष मास (दिसंबर – जनवरी) की पूर्णिमा के दिन, विष्णु अवतार नर-नारायण के सम्मान में एक विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है।
16 जनवरी 2021 गुरूवार
जनवरी माह में पड़ने वाला गणेश चतुर्थी का पर्व यहाँ उल्लासपूर्वक से मनाया जाता है।
31 जनवरी 2021शुक्रवार
माघ माह (फरवरी-मार्च) को वह रविवार जो नवमी पर पड़ता है उसका यहाँ महत्व माना जाता है।
4 फरवरी 2021 मंगलवार
मंदिर का दूसरा प्रमुख आयोजन माघ मास की चतुर्थी को होता है।
2 नवंबर 2021सोमवार
प्रत्येक वर्ष धनतेरस से अन्नकूट पर्व तक श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन के लिए माँ अन्नपूर्णा का दरबार खोला जाता है।
5 नवंबर 2021 मंगलवार
अन्नकूट पर्व अन्नपूर्णा मंदिर में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाला एक वार्षिक उत्सव है।
5 नवंबर 2021 मंगलवार
हर वर्ष दीपावली अमावस्या के एक दिन बाद, विश्वनाथ मंदिर में 56 भोग अन्नकूट शृंगार किया जाता है।
30 जुलाई 2021 मंगलवार
भगवान बटुक भैरव को बेला और गंडा (काला धागा) से सुशोभित किया जाता है और उनकी विशेष पूजा की जाती है।
1st सितंबर 2021 रविवार
हरियाली जलविहार वार्षिक शृंगार के दौरान सम्पूर्ण मंदिर को हरी पत्तियों एवं फूलों से सुशोभित किया जाता है।
2nd सितंबर 2021 सोमवार
इस दिन बड़ा गणेश मंदिर में वक्रतुंड का जन्मोत्सव मनाया जाता है।